एक दिन एक साधु ने देखा कि एक बिल्ली चूहे को खदेड़ रही थी। साधु ने अपनी अलौकिक शक्तियों से उस चूहे को बिल्ली बना दिया और उसकी जान बच गई।
एक दिन उस बिल्ली के पीछे एक कुत्ता दौड़ पड़ा। अब साधु ने उसको कुत्ता बना दिया।
एक बार उस कुत्ते पर शेर ने हमला कर दिया। साधु ने तुरंत उस कुत्ते को शेर बना दिया।
जो गाँव वाले इस नए शेर का रहस्य जानते थे , वे उसका मजाक उड़ाते थे। उनके लिए वह एक पिद्दी -सा चूहा ही था, जो शेर बना फिरता था !
अब इस शेर ने सोचा कि जब तक यह साधु जीवित रहेगा सब लोग उसका ऐसा ही मजाक उड़ाते रहेंगे।
साधु ने इस शेर को अपनी ओर आते देखा, तो उसके इरादे समझ गया। साधु बोला, जाओ तुम फिर से चूहा ही बन जाओ। तुम अहसानफरामोश हो और शेर बनने लायक नहीं हो।
और इस प्रकार वह शेर फिर से सिकुड़कर दुबारा चूहा बन गया।