मनहूस

Manhoos Akbar Birbal Kahani

एक दिन बादशाह ने पूछा, 'कोई आदमी मनहूस भी होता है ?'

बीरबल ने कहा, 'जी, बहुत से लोग मनहूस होते हैं।

' बादशाह ने आज्ञा दी, 'एक मनहूस आदमी मेरे सामने पकड़कर लाओ।'

बीरबल एक आदमी को पकड़कर लाया और बादशाह से बोला, 'यह आदमी मनहूस है।'

बादशाह को उस दिन बहुत परेशानियाँ हो रही थीं, इसलिए बादशाह को क्रोध आ गया और उन्होंने उस व्यक्ति को फाँसी का आदेश दे दिया।

जब फाँसी का आदेश हो गया तो बीरबल ने बादशाह से पूछा, 'जहाँपनाह! क्यों इस बेचारे को फाँसी देना चाहते हैं ?' 'यह मनहूस है।'

'फिर ?'

'कल सुबह-सुबह इसी का मुँह देखा था। इसका मुँह देखने के कारण मैं परेशान हो रहा था।'

'और हुजूर, इसने किसका मुंह देखा था, जो बेचारा दुनिया से जा रहा है ?'

बादशाह चौंक पड़े। उस आदमी ने भी तो बादशाह का मुँह देखा था।

बादशाह समझ गए और इनाम देकर उस आदमी को विदा कर दिया।