एक दिन बादशाह ने पूछा, 'कोई बता सकता है, रमजान खुश होकर आता-जाता है अथवा दुखी होकर आता-जाता है ?'
'खुश होकर।' एक मुल्ला बोल पड़े। 'हाँ जी, वह खुशी से आता है और फिर जाता भी खुशी से है।'
'कैसे कह सकते हो कि वह खुशी से जाता है, खुशी से आता है ?'
अब सब चुप थे।
बीरबल तब तक उत्तर न देते थे जब तक कोई बात उन्हीं से नहीं पूछी बादशाह ने बीरबल की ओर देखा, बोले, 'तुम क्या कहते हो ?'
'हुजूर, रमजान का महीना खुशी से जाता है।
तभी तो हर साल आ जाता है।
बिगड़कर जाता या दुखी होता तो फिर न आता।' बादशाह उनके उत्तर से प्रसन्न हुए।