रात का भाव

गोनू झा ने एक बार जमकर कपास की खेती की। फसल भी अच्छी पकड़ाई।

रात में अँगने में पाँव रखा तो उन्हें आभास हो गया कि चोर छुपे हुए हैं। पहले तो चिंता हुई कि रुई की बिक्री से प्राप्त रुपए चोरी न हो गए हों? फिर उन्होंने पत्नी को डाँटने का स्वाँग भरते हुए कहा, 'आप भी सब दिन एक ही तरह की रह गईं; रुई को कोठी में बंद कर रखी हैं और बेशकीमती बिनौले को बाहर छोड़ दिया है? जानतीं नहीं कि समय-साल खराब है; अगर चोर ले गया तो? अभी-अभी मैं वैद्यों के सम्मेलन से आ रहा हूँ। उनका मानना है कि बिनौले कुष्ठ आदि चर्म रोग दूर करने में बड़ी मदद देते हैं। देखिएगा, इसे वैद्य मुँहमाँगी दर पर ले जाऍंगे; कम-से-कम सौ रुपए बोरे में कौन उज्र है? खैर, अभी आप अलसा गई होगीं, इसलिए ऎसे ही रहने दीजिए; सुबह सबसे पहले इसे ही घर में रख दीजिएगा।

दंपति मन मसोसकर सो गए। चोरों को इसी का इंतजार था और सुबह होते-होते आँगन खाली हो चुका था।

दुपहर में गोनू झा हाट पहुँचे। उन्होंने देखा कि हाट में एक जगह बड़ी भीड़ है। कारण जानने की उत्सुकता हुई। हाट करने आए लोगों ने कहा कि वहाँ चावल-दाल कम दाम में बिक रहा है और आपने तो आने में देर कर दी; अब तो बिक भी गया होगा।

गोनू झा फौरन वहाँ पहुँचे। बिनौला बिकने के लिए रखा हुआ था और चावल-दाल फटाफट बिक रहा था। बिनौला के बारे में सुनकर ग्राहक चिढ जाते थे। कि यह भी कोई बिकने की चीज है!

गोनू झा को चोरों पर दया आने लगी कि उन्हें मुझे ठगने का कुफल तो मिल ही गया। अभी तक बिकने की प्रत्याशा में अन्य चीजों को मामूली नफा पर बेच दिया, अब उनको कितनी सजा मिले? पर चोरों को यह अहसास भी तो कराना था कि चोरी भी सोच-समझकर की जाती है और गोनू झा को उल्लू बनाना बहुत महॅंगा पड़ सकता है। आखिर डाइन भी तो एक घर बख्शती है.

गोनू झा अब और इंतजार नहीं कर सकते थे। उन्होंने एक ग्राहक के रूप में पूछा, भाइयो, प्रति बोरे बिनौले के क्या दाम पड़ेगे? चोरों की आँखो में चमक आ गई; आखिर जिस ग्राहक की प्रतिक्षा थी, वह आ गया। एक ने बिना देखे प्रसन्नता पूर्वक झट से कहा, 'वैद्यजी, सौ रुपए बोरे !

गोनू झा ने मुस्कुराते हुए कहा, भाई, रात का भाव अभी तक रखे हुए हो?

यह सुनते ही चोरों के कान खड़ॆ हो गए। उन्होंने गौर से देखा। पहचानने में देर न लगी कि यही तो बिनौले का असली मालिक है।

चोर तुरत ही सिर पर पाव रखकर भागे। उनके नौ दो ग्यारह होते ही बिनौले को वहीं फेंक गॊनू झा खाली बोरे लेकर लौट आए।