सैनिकों को दी उचित सीख

किसी देश के रक्षामंत्री अपनी सेना के एक हवाई जहाज में निरीक्षण हेतु गए।

यह हवाई जहाज अपने सैनिक को लेकर युद्धस्थल की ओर जाने की तैयारी में था।

सभी सैनिक अपने-अपने हथियारों से लैस और उत्साह से भरपूर थे।

रक्षामंत्री ने सूक्ष्मता से अपने सैनिक की तैयारियों का जायजा लिया।

जायजा लेने के पश्चात उन्होंने अपने सैनिकों से पूछा - आप लोग वायुयान से अपने मिशन पर जा रहे हैं, क्या आप लोगों ने अपना-अपना पैराशूट जाँच लिया है।

सभी जवानों ने कहा - महोदय युद्ध में हथियार अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।

हमने अपने हथियार पूर्णतया जाँच-परख लिए हैं, पैराशूट तो ठीक ही होगा।

रक्षामंत्री ने कहा - फिर भी जाने से पहले आप एक बार अपने-अपने पैराशूट जाँच ले।

जवानों ने अपने पैराशूट चेक किए तो वे हैरान रह गए क्योंकि कुछ जवानों के पैराशूट चेक किए तो वे हैरान रह गए क्योंकि कुछ जवानों के पैराशूट खोलने वाला बटन अटक रहा था।

यह उनके मिशन का एक महत्वपूर्ण उपकरण था, क्योंकि इसके न खुलने पर उनकी जान भी जा सकती थी।

रक्षामंत्री ने कहा - देखा अगर आप समय पर अपने पैराशूट की जाँच करते तो समय पर ही इसकी मरम्मत हो जाती।

हमें अपने कार्य से जुडी हर वस्तु की बारीकी से जाँच करनी चाहिए।

सभी सैनिक ने रक्षामंत्री की सलाह को सदैव मानने का वचन दिया।

कथा का सार यह है कि किसी भी कार्य की सफलता के लिए उसकी पूर्व तैयारी और तयारी की जाँच करना अत्यंत आवश्यक है।