डायन और सड़क

अंडमान निकोबार की लोक कथाएँ

'एक हजार साल पहले निकोबार में छुट्टी के दिन काम करने की प्रथा नहीं थी ।

दरअसल, सप्ताह में एक रात डायनें जंगलों में इकट्टी होतीं थीं, सारी रात नाचती थीं, गाती थीं, और भूत-प्रेतों व प्रेतात्माओं को बुलाती थीं ।

अगला दिन उनके आराम का दिन होता था। आम लोगों के बीच उस दिन को छुट्टी का दिन कहा जाता था, ताकि कोई भी आदमी उस दिन जंगल में जाकर उनके आराम में बाधा पहुँचाने का कारण न बन पाए । आराम में बाधा पहुँचाने वाले व्यक्ति को अपने जादू से वे कुछ भी बना सकती थीं ।

लेकिन एक आदमी था जो छुट्टी के दिन भी काम करता था। किसी से भी डरे बिना वह अपने केले के बाग की देखभाल के लिए जंगल में जाता था ।

एक छुट्टी वाले दिन, जब वह आदमी अपने केले के बाग में पहुँचा तो उसने एक पेड़ पर पके केलों का एक गुच्छा लटका देखा। वह खुशी से फूला न समाया ।

काटकर उसे घर ले जाने के लिए उसने अपनी जेब से चाकू निकाला और उस पेड़ की ओर बढ़ गया। लेकिन जैसे ही उसने उस गुच्छे को काटा, वह सड़क बन गया । किसी को भी इस दुर्घटना का पता न चला ।

जब गाँव के लोगों ने कई दिनों तक उसे नहीं देखा तो वे उसकी खोज में निकल पड़े । उनको सिर्फ इतना पता था कि वह छुट्टी के दिन भी अपने केले के बाग में जाता था। वे वहाँ भी उसको ढूँढ़ने के लिए गए ।

लेकिन उसकां वहाँ भी अता-पता न मिला । गाँव वालों ने मान लिया कि या तो वह मारा गया या समुद्र में डूब गया। उसकी मौत पर वे विलाप कर उठे ।

वह आदमी, दिन भर तो सड़क बनकर नीचे पड़ा रहता लेकिन रात को पुनः आदमी बन जाता । आदमी बनकर वह नाचता, गाता और दूसरी डायनों की तरह प्रेतात्माओं को बुलाता, उनसे बातें करता ।

जब वह आदमी बनता तब उसकी त्वचा का रंग सुर्ख-लाल होता। जब वह सड़क बनता, तब भी उस पर लाल धारियाँ पड़ी होती थीं ।

लोगों को आश्चर्य होता कि वह सड़क सिर्फ दिन में ही दिखाई देती थी, रात में गायब हो जाती थी । लेकिन किसी को भी सच्चाई का पता न था ।

वह आदमी भी, हालाँकि दिनभर के लिए सड़क बन जाता था, परन्तु उसकी इच्छाएँ मरी नहीं थीं। वह जब भी कोई पका केला देखता, उसका जी ललचा जाता। रात में वह पके केले खाने को दौड़ता ।

लोग हालाँकि आज तक लाल धारियों वाली उस सड़क का रहस्य नहीं जान पाए हैं ।

उन्हें नहीं मालूम कि यह वही आदमी है जिसने अपने बुजुर्गों की हिदायत और अपने रिवाजों को नहीं माना और डायनों के आराम करने के दिन भी काम करने के लिए घर से निकल गया था ।