मर्ज कुछ, दवा कुछ

मुल्ला नसरुद्दीन कहानी - Mulla Nasruddin

खोजा के शहर में कई अमीर लोग रहते थे।

जब से बादशाह ने खोजा को मुल्क की राजधानी में आकर रहने को कहा था, तब से उसे आए दिन किसी न किसी अमीर आदमी से भेंट करने का मौका मिलने लगा था।

चूंकि बादशाह खोजा को कभी-कभार ही कोई भारी अड़चन आ पड़ने पर ही याद करता था, इसलिए खोजा अपने खाली समय में किसी न किसी रोगी का इलाज करने में जुट जाया करता था।

इस तरह जहां उसका समय परोपकर करने में बीत जाता था, वहीं उसकी जान-पहचान भी बढ़ जाती थी।

खोजा गरीबों का इलाज तो मुफ्त में करता था, लेकिन अमीरों को यदि कभी इलाज कराने की जरूरत पड़े तो उनसे वह खासी मोटी रकम वसूल करता था।

इस रकम से वह दवाइयां खरीदता, जो गरीबों के इलाज में काम आती थीं।

बादशाह के दरबार में और इलाज के बहाने जब उसकी अमीरों के साथ मुलाकातें बढ़ने लगी तो वह कई अमीरों के बारे में बहुत कुछ जानने लगा।

अपनी इस जानकारी के आधार पर वह कई बार कई मरीजों को अमीरों के चंगुल से भी बचा लिया करता था।

एक बार एक अमीर के पेट में बहुत तेज दर्द उठा।

उसने ऐसे कई हकीमों के घर अपने नौकरों को दवाई लाने भेजा जो हकीम मुफ्त में दवाई देते थे, लेकिन किसी भी हकीम के यहां दवाई मिलना तो दूर की बात, नौकरों को कोई हकीम ही हाथ नहीं आया।

तब थक-हार कर अमीर कराहता हुआ खोजा के घर पहुंचा।

दरवाजे के अंदर घुसते ही वह जोर से चिल्लाया, “हाय, मर गया।

पेट में जोर का दर्द हो रहा है। जल्दी से कोई दवा दीजिए।'

खोजा ने पूछा, “तुम्हें क्या हो गया है, तुमने कोई गंदी चीज तो नहीं खा ली ?"

बीमार अमीर बोला, "नहीं! ऐसी कोई बात नहीं है, मैंने सिर्फ एक रोटी खाई है, जिस पर फफूंदी लगी हुई थी।

यह सुनकर खोजा को यह समझते देर न लगी कि सेठ ने अपनी कंजूसी की आदत के चलते धोखे से नहीं, बल्कि जान बूझ कर वह रोटी खाई होगी।

उसने बिना कुछ कहे अपना दवाइयों का बक्सा खोला और उसमें से एक आंख ठीक करने वाली दवा निकाल ली।

फिर बीमार सेठ को हिदायत दी, "सिर ऊपर उठाओ और आंखें खोलो।

मैं तुम्हारी आंखों में दवा डालना चाहता हूं।

" बीमार अमीर कराहना छोड़कर चिल्लाया, “ख़ोजा! आप गलत समझ रहे हैं। मुझे पेट की बीमारी है, आंखों की नहीं।"

खोजा ने उसे समझाया, "मैं ठीक समझ रहा हूं।

अगर तुम्हारी आंखें ठीक होती तो इतनी बड़ी उम्र में फफूंदी वाली रोटी न खाते।

इसलिए पेट से पहले तुम्हारी आंखों का इलाज जरूरी है।"