स्वर्ग और नर्क

मुल्ला नसरुद्दीन कहानी - Mulla Nasruddin

खोजा ने कभी बादशाह को यह बताया था कि वह पशु-पक्षियों की बोली समझ लेता है।

बादशाह ने उसे खोजा की कोरी गप्प मानते हुए मन ही मन यह तय किया था कि किसी दिन वह खोजा की इस डींग की कलई जरूर खोलेगा।

एक दिन बादशाह शाम के झुटपुटे में खोजा को अपने साथ लेकर टहलने के लिए निकला।

चलते-चलते वे दोनों एक खंडहरनुमा गुफा के पास पहुंचे ही थे कि उन्हें उल्लू की आवाज सुनाई दी।

बादशाह ने खोजा से पूछा, “खोजा! यह उल्लू क्या कह रहा है ?"

खोजा ने बताया, "जहांपनाह! यह कह रहा है कि अगर आपने अपनी प्रजा पर जुल्म-ढहाना बंद नहीं किया तो आपकी सल्तनत इस गुफा की तरह खंडहर हो जाएगी।

खोजा की कड़वी बात सुनकर बादशाह का दिल उचट गया। उसने बात बदल दी। बोला, “मरने के बाद मेरी यह रूह स्वर्ग में जाएगी या नर्क में ?"

खोजा ने तुरंत उत्तर दिया, "यकीनन आपकी रूह नर्क में जाएगी हुजूर।"

यह सुनकर बादशाह का चेहरा गुस्से से लाल हो उठा। खोजा को जी भर कर फटकार लगाते हुए वह बोला, "मन करता है कि इतनी वाहियात बात करने पर तुम्हारा सिर अभी धड़ से जुदा करवा दूं।"

"गुस्सा न कीजिए हुजूर, पहले मेरी बात पूरी तो सुन लीजिए।

चूंकि आपके मुल्क में बड़ी तादाद में उन लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका हूं, जिनकी रूहें स्वर्ग में जाने के लायक थीं, इसलिए इस समय सारा स्वर्ग उन लोगों से खचाखच भरा हुआ है और आपके लिए वहां कोई जगह नहीं रह गई है।

अगर वे लोग अभी भी जिंदा होते तो इनकी रूहें भी यहीं आपके मुल्क में बनी रही होती और तब स्वर्ग में इतना भीड़-भड़क्का न होता।"

खोजा की बात सुनकर बादशाह कुछ नरम पड़ा।

धीमी आवाज में उसने खोजा से पूछा, “अब मुझे ऐसा क्या करना चाहिए जिससे जो संभावना तुमने बयान की है, वह बदल जाए ?"

"यदि आप मरने के बाद स्वर्ग में जाना चाहते हैं, तो ऐसे लोगों की हत्या पर रोक लगाइए ताकि वे यहीं बने रहें और वक्त आने पर आपकी रूह वहां जगह पा सके। यकीनन इसकी शुरुआत आप मुझ नाचीज को अभयदान देकर कर सकते हैं।

खोजा ने इस अंदाज में कहा कि बादशाह का सारा गुस्सा काफूर हो गया।