एक दिन उदासी भरे लहजे में बादशाह ख़ोजा से बोला, “ख़ोजा!
बहुत दिनों से मेरी इच्छा है कि आकाश में उड़कर पूरी दुनियां की सैर करूं।
" मैं दुनिया के पहाड़ों, नदियों, शहरों, गांवों, जंगलों और मैदानों को देखकर अपना ज्ञान बढ़ाना चाहता हूं।
मेरी यह इच्छा पूरी करने के लिए क्या तुम कोई बढ़िया तरकीब बता सकते हो ?"
खोजा ने धीर-गंभीर आवाज में कहा, "जरूर बता सकता हूं, जहांपनाह!"
यह सुनते ही बादशाह की उदासी उड़न छू हो गई।
वह उतावला होता हुआ बोला, “तुम सचमुच बड़े अक्लमंद हो। बताओ, वह तरकीब कौन-सी है ?"
आकाश में पहुंचना कोई मुश्किल काम नहीं है, "जहांपनाह!
बशर्ते आपमें धीरज हो। आप अपने खजूरी रंग के घोड़े को मुझे दीजिए।
मैं उस पर सवार होकर दूर के एक पहाड़ से एक खास बूटी ले आऊंगा, जिसे खाकर घोड़े की पीठ पर पंख निकल आएंगे।
तब आप उसकी
पीठ पर बैठकर अपनी इच्छा पूरी कर लेना।अलबत्ता मुझे वहां तक जाने आने में कोई एक साल लग जाएगा।
क्या आप इतना इंतजार कर सकते हैं।"
बादशाह खुशी से फूला न समाया।
उसने अपने अंगरक्षक को आदेश दिया कि वह उसका घोड़ा फौरन खोजा के हवाले कर दे और उसे बहुत सारा धन भी सरकारी खजाने से दिलवा दे।
खोजा घोड़े पर सवार हो गया। चाबुक लगते ही घोड़ा हवा से बातें करने लगा।
घोड़े पर सवार होकर खोजा दूसरे मुल्क में पहुंचा और एक व्यापारी को राजा का घोड़ा बेचकर अपने गधे पर सवार होकर अपने घर लौट आया।
घर पहुंच कर उसने बादशाह से मिला सारा धन और घोड़े को बेचकर उसे जो रुपये मिले,
वे सब अपनी पत्नी के हवाले किये और सारा किस्सा सुनाने के बाद यह कहता हुआ लंबी चादर तानकर सो गया कि
अब एक साल तक मुझे कहीं आना-जाना नहीं है।
मैं घर में हूं, यह बात किसी को न बताना।
पत्नी ने सारी बात सुनी तो वह अपनी हंसी न रोक पाई, पर साथ ही उसे कुछ चिंता भी होने लगी।
करीब एक साल बाद खोजा राजमहल में पहुंचा।
उसे देखते ही बादशाह ने मुस्कराकर पूछा, "ख़ोजा!
तीन दिन बाद एक साल पूरा होने वाला है। क्या मेरे घोड़े की पीठ पर पंख निकल आए हैं ?"
"हां, जहांपनाह!" खोजा ने मूंछों पर हाथ फेरते हुए जवाब दिया।
खुशी से उछलते हुए बादशाह बोला, “तुमने सचमुच कमाल कर दिया खोजा!
पर तुम घोड़े को साथ क्यों नहीं लाए ?"
खोजा ने दुखी होने का स्वांग रचाते हुए बताया, “मैं उसे साथ ला रहा था, जहांपनाह!
मगर वह रास्ते में पंख फड़फड़ाता हुआ उड़ गया।
यह सुनते ही बादशाह को भारी सदमा पहुंचा और वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा।"