खोजा का एक मित्र, बेहद संगीत-प्रेमी था।
कहीं भी संगीत का कोई कार्यक्रम हो, वह उसे सुनने के लिए जरूर जाता था,
भले ही ऐसा करते हुए उसके सैकड़ों काम क्यों न रुक जाएं।
यही नहीं, उसे संगीत सुनने से भी ज्यादा खुद गाने-बजाने का भी शौक था।
अक्सर वह घंटों ही नहीं, कई दिनों तक संगीत का अभ्यास किया करता था।
खोजा अपने इस दोस्त को उसके असली नाम से नहीं बल्कि उसके संगीत प्रेम के चलते दिए गए नाम से याद रखता था।
खोजा ने उसे 'सुरीला' नाम दे रखा था।
सुरीला गाता भी सुरीला था या नहीं, यह तो ठीक-ठाक पता नहीं,
लेकिन संगीत का लगातार अभ्यास करने के चलते उसके अड़ोसी-पड़ोसी उससे बहुत नाराज थे।
वे लोग अक्सर काज़ी के पास जाकर उसकी यह शिकायत कर चुके थे कि हमारे पड़ोसी को सख्त से सख्त सजा दी जाए,
क्योंकि ये जनाब अक्सर अपनी बेसुरी तान छेड़े रखते हैं।
इनकी तान घंटों तक पूरी ही नहीं होती, नतीजा यह होता है कि हमें अपनी रातें जाग कर काटनी पड़ती हैं।
वह तो गनीमत समझिए कि मुल्क के बादशाह को भी यह गलतफहमी थी कि वह अच्छा गवैया है
इसलिए उसने अपने सभी काजियों को यह हिदायत दे रखी थी कि यदि कभी किसी गवैये के खिलाफ कोई अड़ोसी-पड़ोसी बेसुरी तान छेड़ने की शिकायत लेकर आए तो उस पर ध्यान न दिया जाए।
बादशाह का मानना था कि अक्सर लोग संगीत के बारे में कुछ नहीं जानते इसलिए वे अच्छे संगीत को भी बेसुरा ठहराते हैं।
नतीजा यह था कि सुरीला अपने सभी पड़ोसियों की शिकायतों से बेखबर अपनी ही धुन में गाने-बजाने में व्यस्त था।
हां, जब कभी उसका मन किसी और के सामने गाने का होता था, तब वह खोजा को अपने घर आने की दावत देता था।
अपनी आदत के अनुसार उस दिन भी सुरीला ने अपने घर खोजा को आने की दावत दी हुई थी।
जैसाकि बताया जा चुका है, खोजा का यह दोस्त संगीत का बहुत बड़ा प्रेमी था,
इसलिए खोजा के उसके यहां पहुंचने पर उसने तरह-तरह के साज खोजा को सुनाए।
दोपहर का समय हो गया।
खोजा के पेट में भूख के मारे चूहे कूदने लगे।
फिर भी उसके दोस्त ने अपना संगीत जारी रखा।
साज बजाने के साथ-साथ वह बीच-बीच में खोजा से गपशप भी करता जा रहा था।
एक साज पर काफी लंबा राग बजाने के बाद उसने खोजा से पूछा,
“खोजा! यह तो बताओ कि दुनिया में सबसे सुरीली आवाज किस वाद्ययंत्र की होती है दो तारे की या ख्वाब की ?"
खोजा ने तुरंत उत्तर दिया, “अरे यार!
इस समय तो मुझे करछी और कड़ाही की आवाज दुनिया में सबसे सुरीली आवाज मालूम हो रही है।"