आधा आपका

मुल्ला नसरुद्दीन कहानी - Mulla Nasruddin

एक दिन बादशाह ने खोजा से पूछा, “खोजा।

चलते वक्त तुम जमीन की तरफ देखते हुए क्यों चलते हो ?

सामने या दाएं-बाएं क्यों नहीं देखते? क्या यह तुम्हारी खानदानी रीति है ?

खोजा ने तत्काल उत्तर दिया, "नहीं जहांपनाह।

ऐसी तो कोई बात नहीं है।

दरअसल, मैं जमीन की तरफ देखता हुआ इसलिए चलता हूं कि इसी जमीन में मेरे अब्बाजान कहीं गुम हो गए हैं।

मैं उन्हीं को तलाशता हुआ आगे बढ़ता हूं।"

बादशाह को ठिठोली सूझी।

उसने मुस्कराते हुए कहा, “ख़ोजा!

यदि मैं तुम्हारे अब्बाजान को खोज निकालूं तो तुम मुझे क्या दोगे ?"

“हुजूर! आधा-आधा।"

हाजिर जवाब खोजा ने उत्तर दिया। यह सुनकर बादशाह की हंसी फूट पड़ी।

वह खोजा की हाजिर-जवाबी का लोहा मान गया।