राजगद्दी का वारिस

मुल्ला नसरुद्दीन कहानी - Mulla Nasruddin

बादशाह को लंबे अरसे से अपने वारिस का इंतजार था।

अब तक गद्दी का कोई वारिस न होने से बादशाह हरदम चिंतित रहता था।

इस चिंता में न तो ऐशो आराम में उसका मन लगता था और न अपनी प्रजा की फरियाद ही वह ध्यान से सुनता था।

उसे हरदम यही लगा रहता था कि एक दिन जब वह नहीं रहेगा, तब इस दुनिया में कोई उसका नाम लेने वाला भी नहीं होगा।

आखिर उसने इतनी कुर्बानियों के बाद जो सल्तनत फैलाई है, वह किसी और के हाथों में चली जाएगी।

औलाद पाने के लिए बादशाह पीर-फकीरों की मिन्नतें करते नहीं थकता था।

वह कई बार बेगम बदल चुका था लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला था।

फिर न जाने किसकी मेहरबानी हुई कि बादशाह की नई बेगम गर्भवती हो गई।

जैसे ही यह खबर बादशाह को मिली, उसने तुरंत खोजा को बुलवाया और उससे कहा कि वह अपना ज्योतिष लगाकर यह बताए कि उसके यहां लड़का होगा या लड़की ?

"आपकी बेगम को जरूर लड़की पैदा होगी।" खोजा ने बताया।

"अच्छा अब यह बताओ कि लड़का पैदा होना बेहतर होगा या लड़की!"

खोजा ने समझाया, "दोनों ही ठीक हैं।

लड़का भी इंसान होता है, और लड़की भी।

दोनों में कोई फर्क नहीं।" "नादान न बनो, खोजा!

लड़की हमारे किस काम की होगी ?

अगर हुआ तो हमारी राजगद्दी का वारिस बनेगा।

" बादशाह ने लड़का पैदा खुलासा किया।

"लेकिन जहांपनाह, आप इस बात की चिंता क्यों करते हैं ?

अगर आपकी राजगद्दी खाली रह गई तो रियासत को रात की सांस लेने का मौका मिलेगा।

फिर आप लड़कियों को इतना कमतर क्यों आंकते हैं ?

कई मुल्कों की बागडोर लड़कियों ने संभाली है और लड़के से बेहतर शासन चलाकर दिखाया है।

बल्कि, कुछ तो इतनी काबिल साबित हुई हैं कि उनके मुल्कों की प्रजा आज भी कामना करती है कि काश उनके मुल्क में फिर से राजगद्दी पर कोई लड़की बैठ जाए।

" खोजा ने अपनी बात साफ की।

खोजा की बात सुनकर बादशाह को कुछ राहत तो मिले, लेकिन तब भी उसके मन से यह मुराद निकलती ही रही कि काश, उसकी बेगम पहली ही बार में लड़का जन्मे।

देखते ही देखते दिन गुजर गए।

फिर वह दिन आ ही गया जिसका बादशाह को महीनों से इंतजार था।

बादशाह उस दिन सुबह से ही खासा उतावला और हैरान-परेशान नजर आ रहा था।

एकाएक दोपहर को एक दाई ने आकर बादशाह को खबर दी कि बेगम ने दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है।

दोनों ही लड़के हैं। यह सुनते ही बादशाह फिर एक नई उलझन में पड़ गया कि अब दोनों में से आखिर अपनी राजगद्दी का वारिस किसे माने ?

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