बादशाह की दाढ़ी

अकबर बीरबल कहानी - Akbar Birbal Kahani

एक दिन बादशाह अकबर ने दरबार में एक अनोखा प्रश्न पूछा, "यदि कोई मेरी दाढ़ी खींचे तो उसे क्या सज़ा मिलनी चाहिए ?"

एक दरबारी बोला, "उसे कोड़े मारने चाहिए।"

दूसरा बोला, "उसे फांसी देनी चाहिए।"

तीसरा बोला, "उसका सिर कटवा देना चाहिए।"

"और बीरबल तुम क्या कहते हो ?" बादशाह ने पूछा। "

तुम क्या सोचते हो कि मेरी दाढ़ी खींचने वाले को क्या सजा मिलनी चाहिए ?"

"उसे मिठाई देनी चाहिए," बीरबल बोले।

"मिठाई?" सभी दरबारी एक साथ बोले।

"हां," बीरबल बोले। "मिठाई, क्योंकि बादशाह की दाढ़ी खींचने की हिम्मत केवल उनका पोता ही कर सकता है।"

बीरबल का उत्तर सुनकर बादशाह को अच्छा लगा और उन्होंने अपनी अंगूठी उतारकर बीरबल को दे दी। शिक्षा : किसी समस्या का सही हल समस्या के सन्दर्भ में ही निकाला जा सकता है। यदि किसी का व्यवहार अबोध्य हो तो उस व्यक्ति से गहराई में प्रश्न करना चाहिए। हर व्यक्ति परिस्थिति को अपने नजरिये से देखता है। बादशाह का पोता दाढ़ी को अलग नजर से देखता है और दरबारी अलग नजर से। उपभोक्ता हर वस्तु को अपने नजरिये से देखता है जैसा उपयोग वह चाहता है। उनके नजरिये को समझकर आप अपनी वस्तु या सेवा की ज़रूरत को बढ़ा सकते हैं। यह योग्यता और संदर्भ की एक ऐसी स्थिति है जहां व्यवहार मायने रखता है।