लकीर मिटाना

अकबर बीरबल कहानी - Akbar Birbal Kahani

बीरबल की ज्यामितीय गणित में रुचि जागृत हुई, लेकिन उन्होंने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया।

एक दिन उन्हें अकबर का संदेश आया कि उन्हें दरबार में बुलाया है।

मिस्र के सुल्तान ने अपने एक बुद्धिमान आदमी को अकबर के दरबार में भेजा था और उसके पास हर दरबारी के लिए एक पहेली थी।

जब कोई भी उसे हल नहीं कर पाया तो बीरबल को बुलाया गया।

दो घंटे तक हल ढूंढने के बाद राजा मानसिंह ने कहा, "सिर्फ एक जादूगर ही ऐसा कर सकता है।"

बीरबल ने मिस्र के उस व्यक्ति से पूछा, “आपके पास हमारे लिए क्या चुनौती है ?"

'बिल्कुल साधारण! मैंने यहां 10 बराबर दूरी पर सीधी रेखाएं खींची हैं।

इनमें से किसी एक को बिना काटे या मिटाये हटाना है।", वह आदमी बोला।

बीरबल मुस्कुराये और कागज पर खींची रेखाओं को देखने लगे।

उन्होंने पहली लकीर के नीचे से दसवीं लकीर के ऊपर एक टेढ़ी रेखा खींच दी और उस लकीर से कागज को काट दिया।

उस कागज के नीचे वाले हिस्से को बायीं तरफ तब तक खिसकाया जब तक की उसमें नौ लकीरें नहीं रह गयी।

दसवीं लकीर मिट चुकी थी।

सभी बीरबल की वाह-वाह करने लगे। अकबर ने बीरबल की तारीफ की।

और उस मिस्र के व्यक्ति की तरफ इशारा करते हुए बोले-"तुम अब किसी भारतीय को चुनौती देने की हिम्मत मत करना।"

"ठीक है जहांपनाह, मैं आपकी बात को हमेशा याद रखूगा।"

अकबर ने पूछा, "लेकिन बीरबल वह लकीर आखिर कहां गयी ?"

"महाबली आप विश्वास करें या न करें, उसका एक हिस्सा हर दूसरी लकीर का हिस्सा बन गया।

बीरबल ने मुस्कुरा कर जवाब दिया।"

तभी भीड़ में से एक गरीब किसान उठा और बादशाह के सामने सलाम करके बोला।

"हुजूर, मेरी भी एक समस्या है। क्या राजा बीरबल उसे हल करने में मेरी सहायता करेंगे ?"

अकबर बोला, "ठीक है हम सब जानना चाहते हैं कि बीरबल के लिए तुम्हारी क्या पहेली है ?"

किसान बोला, "जहांपनाह, मेरे पास पांच सुअर हैं, लेकिन मेरे पास केवल चार बाड़े बनाने के लिए ही सामग्री है।

अगर मैं किसी एक बाड़े में दो सुअर रखता हूं तो उनमें से एक दूसरे की पीठ पर चढ़कर बाहर कूद जायेगा और बाकी सबके बाड़े भी खोल देगा।

मैं न तो उन सुअरों को मार सकता हूं और न ही बेच सकता हूं क्योंकि वे मेरी बेटी के पालतू हैं और बहुत बुद्धिमान भी हैं।

मैं अपने पांच सुअरों को चारों बाड़ों में कैसे रख सकता हूं ?"

"क्या बीरबल से पहले कोई और दरबारी इसे हल करना चाहेगा ?"

अकबर ने पूछा। उनमें से कुछ ने अपने हाथ उठाये।

उन सबको 16 तिनके दिए जोकि बाड़ बनाने की सामग्री की तरह थे।

जब उनमें से कोई भी हल नहीं कर पाया तो बीरबल ने उसका हल दिया।

उसने एक बाड़ा बीचों-बीच बनाकर उसके चारों तरफ एक-एक बाड़ बना दी।

इससे किसान के पास पांचवीं बाड़ बनाने के लिए सामान बच गया था।

शिक्षा : किसी व्यक्ति की श्रेष्ठता उसकी योग्यताओं पर निर्भर करती है। जब तुम्हें पता लगे की वे योग्यताएं तुम्हारे पास हैं तो डरने की आवश्यकता नहीं।