असली राजा

अकबर बीरबल कहानी - Akbar Birbal Kahani

मिस्र के राजा ने बीरबल की बुद्धिमानी के बारे में बहुत सुना था और उसकी परीक्षा लेना चाहता था।

उन्होंने बादशाह अकबर को उन्हें दरबार में भेजने के लिए कहा।

जब बीरबल मिस्र पहुंचे, तो मुख्यमंत्री ने कहा "राजा तुमसे कल सुबह मिलेंगे।"

अगली सुबह बीरबल दरबार में पहुंचे और देखा पांच एक जैसे राजा, राजसी पोशाक, गहने पहने सिंहासन पर अलग-अलग बैठे थे।

बीरबल एक पल को तो बौखला गये।

उन्होंने कुछ देर तक सबको ध्यान से देखा और फिर एक राजा के सामने जाकर बोले,

"बादशाह, आपकी उम्र लंबी हो।"

"तुमने कैसे जाना कि मैं असली राजा हूं ?"

बीरबल बोला, "जहांपनाह, बाकी सभी आपको देख रहे थे और आपकी नकल करने की कोशिश कर रहे थे।

जबकि आप शांत और बेफिक्र होकर बैठे थे।

तब मैंने अन्दाजा लगाया कि आप ही असली राजा हैं।"

राजा ने बीरबल की प्रशंसा की और उसे उपहार दिए।

शिक्षा : किसी की नकल कर वैसा बनना या कुछ बनाने की कोशिश करना असली वस्तु या व्यक्ति जितने स्तर तक नहीं पहुंच सकता।