अंगूठी निकालना

अकबर बीरबल कहानी - Akbar Birbal Kahani

एक बार अकबर ने अपनी सोने की अंगूठी एक सूखे कुएँ में डाल दी और अपने मंत्रियों को कहा कि बिना कुएँ में उतरे अंगूठी निकालकर लाएं।

सभी मंत्री अपना सिर खुजलाने लगे और काफी सोच विचार के बाद हार स्वीकार कर ली।

बीरबल ने हार नहीं स्वीकार की।

"जहांपनाह, आपको आपकी अंगूठी सूर्यास्त से पहले मिल जाएगी।" बीरबल बोले।

बीरबल ने गाय का ताजा गोबर लिया और उसे कुएँ के अंदर अंगूठी पर डाल दिया।

उसने एक लम्बी रस्सी लेकर उसके एक किनारे पर पत्थर बांध दिया, और उस पत्थर को गोबर में फेंक दिया और दूसरा सिरा पकड़ लिया।

कुछ देर बाद जब बीरबल को विश्वास हो गया कि गोबर सूख गया है, उसने रस्सी को ऊपर खींच लिया।

सब यह देखकर हैरान हो गये कि गाय का गोबर ऊपर आ गया और उसके नीचे बादशाह की अंगूठी थी।

शिक्षा : यदि आप अपनी कल्पना का अभ्यास करते हैं, हर चुनौती का सामना करने के लिए रुचि और प्रेरणा जागृत करते हैं तथा अपनी सृजनात्मकता को उभरने का मौका देते हैं तो किसी भी समस्या को सुलझा सकते हैं।