बहुत समय पहले एक पेड़ पर तोते का एक जोड़ा रहता था। उसी पेड़ पर एक बिल में एक बूढ़ा साँप रहता था।
साँप बहुत कमजोर हो चूका था। वह अपने लिए शिकार की तलाश करने तक नहीं जा पाता था। तोते उसके बिल के पास कुछ खाना रख देते थे। सांप उन तोते पर बहुत आभार जताया करता था।
एक दिन एक गिद्ध उन तोतों का शिकार करने के लिए उस पेड़ पर मंडराने लगा। तभी एक बहेलिया वहां आया उसने तीर से एक तोते पर निशाना लगाया।
जब सांप को यह पता चला कि उसके मित्र संकट में है तो उसने बहेलिया के पैर में काट लिया। सांप के काटने से बहेलिए का हाथ हिल गया और उसका निशाना चूक गया।
बहेलिए का तीर सीधे मंडरा रहे गिद्ध को जा लगा।
सांप ने अपने मित्रों की जान बचाकर साबित कर दिया कि वह सच्चा मित्र है।