एक दिन एक हिरनी अपने बेटे को एक बुद्धिमान हिरन के पास लेकर गई और उससे बोली, मेरे बुद्धिमान भाई, कृपया मेरे बेटे को भी अपनी जान बचने की कुछ तरकीबें सीखा दो, ताकि वह कभी संकट में फंसे तो अपनी जान बचा सके।
बड़ा हिरन मान गया। छोटा हिरन बहुत शैतान था और उसका मन दूसरे बच्चों के साथ खेलने में ही लगा रहता था।
जल्द ही वह कक्षा से गायब रहने लगा और उसने बचाव की कोई तरकीब नहीं सीखी। एक दिन, खेलते-खेलते वह एक जाल में फंस गया।
जब उसकी माँ को यह पता चला तो वह बहुत रोई। बड़ा हिरन उसके पास गया और उससे बोला, प्यारी बहना, मुझे दुःख है कि तुम्हारा बच्चा जाल में फंस गया।
मैंने उसे सिखाने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन वह कुछ सीखना ही नहीं चाहता था।
अगर कोई विद्यार्थी सीखना ही नहीं चाहे तो शिक्षक उसे कैसे सीखा सकता है।