दो मित्र और भालू

Do Mitr Aur Bhaloo Ki Kahani - दो मित्र और भालू की कहानी - दो मित्र और भालू पंचतंत्र की कहानी

एक दिन, दो बच्चों, सुजल और पीयूष ने जंगल जाने का निश्चय किया।

दोनों मित्र थे और दोनों ने किसी भी संकट के समय एक-दूसरे की सहायता करने का वादा किया।

जंगल में, अचानक एक भालू उन पर झपट पड़ा। सुजल तो जल्दी से पास के ही एक पेड़ पर चढ़ गया,

लेकिन पीयूष को बचने का कोई रास्ता नहीं मिला क्योंकि उसे पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था।

उसने मर जाने का बहाना किया और वहीं ज़मीन पर लेट गया।

भालू गुर्राते हुए पीयूष के पास आया और उसके कान के पास कुछ फुसफुसाया।

पीयूष साँस रोके पड़ा रहा। कुछ देर बाद भालू गुर्राता हुआ वहाँ से चला गया।

सुजल पेड़ से उतरकर नीचे आया और पीयूष से पूछने लगा, “भालू तुमसे क्या कह रहा था ?"

“भालू ने मुझसे कहा कि ऐसे स्वार्थी मित्रों से दूर रहना चाहिए,

जो संकट के समय तुम्हें अकेला छोड़कर भाग जाते हों,” पीयूष ने जवाब दिया।