बुरी संगत

Buri Sangt Panchatantra Ki Khani - किसान और कौओं - बुरी संगत पंचतंत्र की कहानी

एक किसान कौओं से बहुत परेशान था।

दुष्ट कौए आते और रोज़ उसकी फसल खा जाते।

उन कौओं को भगाने के लिए किसान ने खेत में कुछ बिजूका भी लगाए लेकिन कौए इतने चालाक थे कि वे बिजूकों को भी नोंच-फाड़ देते थे।

एक दिन, किसान ने अपने खेत में जाल फैला दिया।

जाल के ऊपर उसने अनाज फैला दिया।

कौए जाल में फंस गए। जाल में फंसे कौओं ने किसान से दया की भीख माँगी लेकिन किसान बोला,

“मैं तुम लोगों को जिंदा नहीं छोडूंगा।” अचानक किसान को एक दर्दभरी आवाज़ सुनाई दी।

उसने ध्यान से जाल में देखा। उसे दिखाई दिया कि कौओं के साथ एक कबूतर भी फंसा है।

किसान कबूतर से बोला, “तुम इन दुष्ट कौओं के साथ क्या कर रहे थे ?

अब तुम भी अपनी इसी बुरी संगत की वजह से अपनी जान गँवा बैठोगे।"

और फिर किसान ने उन कौओं और कबूतर को अपने शिकारी कुत्तों को खिला दिया।

किसी ने सच ही कहा है, बुरी संगत हमेशा हानिकारक होती है।