कुत्ता चला विदेश

Kutta Chala Videsh Panchtantra Ki Kahani - कुत्ता चला विदेश पंचतंत्र की कहानी

एक नगर में चित्रांगन नामक एक होशियार कुत्ता रहता था।

एक साल उस नगर में भयानक अकाल पड़ा। चित्रांगन को खाने के लाले पड़ गए।

परेशान होकर वह कहीं दूर के नगर में चला गया।

नई जगह पर खाने-पीने की कोई कमी नहीं थी।

वह एक घर के पिछवाड़े में रहता और वहाँ मनपसंद खाना खाता।

एक दिन, कुछ वहीं के कुत्तों ने उसे देख लिया।

उसे देखते ही वे समझ गए कि यह कुत्ता तो बाहर से आया है।

उन कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। सारे कुत्ते उस पर भौंकते हुए टूट पड़े और उसे जगह-जगह से बुरी तरह घायल कर दिया।

आखिरकार , किसी तरह वह उन कुत्तों के चंगुल से छूट पाया।

अब वह सोचने लगा, “यह जगह छोड़ देने में ही भलाई है।

मेरे नगर में भले ही अकाल पड़ा हो, लेकिन कम से कम वहाँ मेरे साथी तो हैं।"