एक गौरैया ने एक पेड़ पर खाली छेद में अपना घर बनाया।
एक दिन, वह भोजन की तलाश में निकली और फिर कई दिन तक नहीं लौटी।
इस बीच, एक खरगोश वहाँ आया और उसका घर खाली देखकर, उसमें रहने लगा।
काफी दिनों बाद गौरैया लौटी तो खरगोश ने वह घर खाली करने से इन्कार कर दिया।
गौरैया बोली, “चलो किसी से अपना फैसला
करवाते हैं।वह जैसा कहेगा, हम दोनों वैसा ही करेंगे।"
इस बीच, एक दुष्ट बिल्ली को उनके झगड़े के बारे में पता चल गया।
वह उन दोनों के पास आ गई।
दोनों ने उन्हें अपने झगड़े के बारे में बताया।
बिल्ली बड़ी मीठी आवाज़ में बोली, “मैं बहुत बूढ़ी हो गई हूँ और मुझे ठीक से सुनाई नहीं देता।
पास आकर अपनी बात समझाओ।
जब बेचारी गौरैया और खरगोश उसके पास आ गए, तो बिल्ली ने झपटकर दोनों को दबोच लिया और उन्हें मारकर खा गई!
अगर तुम लोग भी लड़ोगे तो तुम्हारी शक्ति कम हो जाएगी और दूसरे इसका लाभ उठा ले जाएँगे।