कबूतर और भौंरा

एक बार एक भौंरा पानी की खोज में एक झील के पास गया।

झील के पानी तक पहुंचने के लिए उसे एक तिनके के ऊपर चढ़कर जाना था। दुर्भाग्य से जब वह तिनके पर चढ़ा तो झटके से फिसलकर पानी में फिर पड़ा।

एक कबूतर पास में ही एक पेड़ पर बैठा था। उसने भौंरे को संकट में देखा तो एक पत्ती उसने भौंरे के पास गिरा दी। भौंरे झट से उस पर आ गई और भौंरे की जान बच गई।

जब भौंरा किनारे पहुंचा, तभी एक शिकारी वहां आया। वह कबूतर पर निशाना लगाने ही वाला था की भौंरे की निगाह उस पर पड़ गई।

वह तुरंत शिकारी के पास गया और उसके हाथ पर काट लिया।

शिकारी दर्द से चिल्लाने लगा और उसके हाथ से बंदूक छूटकर नीचे गिर गई।

इस बीच, कबूतर को उड़ जाने का अबसर मिल गया।