एक जंगल में एक बहुत सुंदर हिरनी रहती थी।
उसकी त्वचा मुलायम और लाल-भूरी थी।
उसकी आँखें बड़ी-बड़ी और चमकीली थीं।
एक दिन, वह जंगल में घास चर रही थी कि एक पहाड़ी हिरन की निगाह उस पर पड़ी।
हिरन को उससे प्यार हो गया।
अब वह हिरन दिन-रात उस हिरनी के पीछे लगा रहता।
एक बार वह उसी हिरनी के पीछे-पीछे गाँव तक चला गया।
उसने किसी तरह के खतरे तक पर ध्यान नहीं दिया।
कुछ कदम चलने के बाद हिरनी को लगा कि कोई मनुष्य आगे कहीं छिपा है।
उसे लगा कि हो सकता है कहीं कोई जाल भी लगा हो।
खतरा समझकर पहले उसने हिरन को आगे जाने दिया।
वहाँ वास्तव में जाल ही था, जिसमें हिरन फंस गया। शिकारी ने उसे मार डाला।
अपने आकर्षण के कारण उसे जान गँवानी पड़ी। आकर्षण से पहले तो कई बार प्रसन्नता का आभास होता है लेकिन बाद में उदासी ही हाथ आती है।