एक दिन एक भूखे कौए को समुद्र तट पर एक सीप पड़ी मिली। सीप के अंदर का मांस निकालने और खाने के लिए उसने सीप को तोड़ने की कोशिश की।
सीप नहीं खुली। अब उसने अपनी चोंच से सीप के अंदर का मांस निकालने का प्रयास किया पर वह असफल रहा।
अब उसने सीप पर पत्थर मारा, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हुआ।
इस बीच एक और चालाक कौआ वहाँ आकर बोला, मेरे दोस्त, यह सीप इस तरह से नहीं खुलेगी।
तुम मेरे सलाह मानो और इसे अपनी चोंच में दबाकर ऊपर आकाश में उड़ जाओ। वहां से इस सीप को चट्टान पर गिरा देना। तभी यह खुल पाएगी।
भूखे कौए को यह विचार पसंद आया और वैसा ही किया।
कौआ सीप को चोंच में दबाकर उड़ गया और ऊपर जाकर उसने सीप गिरा दी।
सीप तुरंत खुल गई लेकिन दूसरे कौए ने तुरंत उसे उठा लिया और उसके अंदर का माँस खा गया।
जब पहला कौआ वहां पहुंचा तो उसे सीप के खोल के टुकड़े ही पड़े मिले।