हवा और चंद्रमा

Hva Aur Chandrma Ki Khani | हवा और चंद्रमा पंचतंत्र की कहानी

तब एक शेर और एक बाघ अच्छे दोस्त थे और साथ में रहते थे।

पास में ही एक साधु रहता था।

एक दिन, बाघ बोला, “जब चंद्रमा छोटा होता जाता है, तो सर्दियाँ आने लगती हैं।

" शेर ने जवाब दिया, “तुम मूर्ख हो, जब चंद्रमा बढ़ते-बढ़ते पूरी तरह से विकसित हो जाता है, सर्दियाँ आती हैं।"

सही उत्तर जानने के लिए वे दोनों दोस्त साधु के पास गए।

साधु बोला, “चंद्रमा की किसी भी स्थिति में सर्दी हो सकती है, चाहे उसका आकार बढ़ रहा हो अथवा कम रहा हो।

सर्दी तो हवा की वजह से होती है, अब चाहे वह पश्चिम दिशा से आए, उत्तर दिशा से आए या पूर्व दिशा से आए।

इस प्रकार, तुम दोनों ही सही हो।

” साधु ने यह भी बताया, “सबसे पूर्ण बात बिना झगड़े के और एकजुट होकर रहना है।"

उसके बाद दोनों अच्छे दोस्तों की तरह प्रसन्नतापूर्वक रहने लगे।

मौसम तो आते-जाते रहे, पर उनकी दोस्ती हमेशा बनी रही।