बंदर और घंटी

Bandar Aur Ghantee Ki Khani | बंदर और घंटी की कहानी

एक बार जंगल में बंदरों के एक झुंड को एक घंटी पड़ी मिली।

हर रात बंदर घंटी की मधुर धुन सुनने लगे।

गाँव वाले घंटी की आवाज़ को डरावना मानकर उससे डरने लगे।

तब गाँव की एक बुद्धिमान महिला जंगल गई और उसे असलियत का पता लग गया।

उसे पता लग गया कि बंदरों का एक झुंड ही घंटी बजाया करता है।

उस महिला ने जंगल में एक पेड़ के नीचे कुछ मूंगफली के दाने और फल रख दिए।

इसके बाद वह महिला कुछ दूर बैठकर देखने लगी।

बंदरों को घंटी छोड़ दी और पेड़ के नीचे रखे खाने के सामान पर झपट पड़े।

उस महिला ने जल्दी से वह घंटी उठा ली और गाँव वापस आ गई।

गाँव वालों ने उस महिला की बुद्धि की सराहना की।

मामूली बातों से किसी को घबराना नहीं चाहिए।

बुद्धि और साहस से सारी परेशानियों का सामना किया जा सकता है।