एक गधा एक कीचड़ भरे मैदान में घास चर रहा था।
उसका पैर एक झाड़ी पर पड़ा और उससे दो-तीन मेंढक मर गए।
एक छोटा मेंढक अपनी माँ के पास जाकर बोला, "माँ एक बहुत बड़ा जानवर आया है और उसने बहुत सारे मेंढकों को मार डाला है।"
उसकी माँ ने पूछा, “कितना बड़ा है वह ? मेरे जितना ?" बच्चा बोला, “नहीं। और भी बड़ा।"
उसकी माँ ने अपने अंदर हवा भरकर स्वयं को और फुला दिया और पूछने लगी, “इतना ?"
बच्चा बोला, "नहीं। और अधिक बड़ा।"
उसकी माँ ने पूरा ज़ोर लगाकर जितनी ज़्यादा हवा अपने अंदर भर सकती थी, भर ली और बोली, “अब? इतना ही बड़ा तो होगा।"
बच्चा बोला, "माँ तुम्हारा पेट फट जाएगा! और ज़्यादा मत फुलाओ।"
उसकी माँ को और जोश आ गया।
वह स्वयं को और अधिक फुलाती चली गई और आखिरकार फटाक की आवाज़ के साथ उसका पेट फट गया!
कोई भी प्राणी मन चाहा आकार नहीं पा सकता।