एक व्यक्ति के पास दो बछड़े थे।
उसके पास एक छोटा-सा सुअर भी था।
मालिक सुअर की बहुत अच्छी तरह से देखभाल करता था और उसे दलिया खिलाया करता था।
दोनों बछड़ों को खेत में कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी और तब कहीं उन्हें सिर्फ घास और चारा खाने को मिलता था।
छोटा बछड़ा सुअर से बहुत जलता था।
"हम इतनी कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन अच्छा-अच्छा खाना उसे मिलता है ?" छोटा बछड़ा बड़े बछड़े से शिकायत करता था।
"अरे नहीं,” बड़ा बछड़ा समझाने लगता, “किसी दूसरे से कभी जलन नहीं रखनी चाहिए।
हमें क्या पता दूसरे को इस खातिरदारी की क्या कीमत चुकानी पड़े ?
जल्द ही उस व्यक्ति की लड़की की शादी होने वाली थी।
शादी के दिन सुअर को गोश्त के लिए मार डाला गया।
यही वह कारण था, जिसकी वजह से उसे बहुत अच्छा खिलाया-पिलाया जा रहा था।