एक चरवाहा अपनी बकरियों को चराने के लिए पहाड़ पर लिए जा रहा था।
जब बकरियाँ पहाड़ पर चढ़ रही थीं, तो एक छोटी बकरी पीछे छूट गई।
घबराकर उसने तेज़ चलना शुरू किया तभी उसकी निगाह झाड़ी के पीछे छिपे एक तेंदुए पर पड़ी।
बकरी ने तेंदुए से बचने के लिए एक योजना बनाई।
वह तेंदुए के पास गई और बोली, “नमस्ते, चाचा।
आप हमेशा हम लोगों का ध्यान रखते हैं।
मेरी माँ ने आपको प्रणाम बोला है।
" तेंदुए ने बकरी को आश्चर्य से देखा, फिर बोला, “तुम्हें लगता है कि चाचा कहने से मैं तुम्हें छोड़ दूंगा ?"
बकरी ने उसे छोड़ देने का बहुत अनुरोध किया लेकिन तेंदुए ने उस पर कोई दया नहीं दिखाई और उस पर टूट पड़ा।
बेचारी बकरी की चतुराई तेंदुए के सामने नहीं चल पाई।