भरत पक्षी

Bharat Pakshi Ki Khani | भरत पक्षी की कहानी

एक बहेलिया को जाल फैलाते देखकर, पास के पेड़ की डाली पर बैठे एक भरत पक्षी ने पूछा,

“भाई, ये क्या है ? तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?"

बहेलिया बोला, "मैं एक बस्ती बसा रहा हूँ।

मैं उस बस्ती की नींव डाल रहा हूँ।"

अपना काम करने के बाद, बहेलिया कुछ दूरी पर जाकर बैठ गया और झाड़ी के पीछे छिप गया।

पक्षी ने बहेलिया की बात पर विश्वास कर लिया और उसकी असलियत नहीं पहचान पाया।

वह उड़कर जाल पर बैठ गया और दाना चुगने लगा।

तुरंत ही वह जाल में फंस गया। बहेलिया झाड़ी के पीछे से निकलकर आया और उसे दबोच लिया।

पक्षी बोला, “तुम कितने अच्छे इंसान हो! अगर तुम्हारी बस्ती में यही होना है तो उसमें कोई नहीं रहना चाहेगा।"