एक जंगल में हिरनों के दो झुंड रहते थे।
वे बरगद हिरन और बंदर हिरन कहलाते थे।
उस राज्य का राजा माँस के लिए हिरनों का शिकार किया करता था।
हिरनों को शिकार से बचाने के लिए दोनों झुंडों के नेताओं ने तय किया कि हर रोज़ एक हिरन को राजा के पास भेज दिया जाए।
एक दिन, बरगद हिरन झुंड के एक छोटे हिरन की बारी आई।
वह अपने नेता के पास गया और उससे जान बचाने का अनुरोध करने लगा।
उसका अनुरोध सुनकर, नेता ने उसके बजाय स्वयं ही राजा के पास जाने का निश्चिय किया।
जब राजा ने उसे देखा तो कहने लगा, “तुम तो हिरनों के नेता हो!
तुम क्यों आए हो?"
बरगद हिरन झुंड के नेता ने उसे पूरी बात बताई। राजा उसकी बात सुनकर द्रवित हो गया।
उसने वादा किया कि अब वह कभी हिरन का माँस नहीं खाएगा।