वह एक शिकारी कुत्ता ने जीवन भर अपने मालिक की सेवा की।
समय बीतने के साथ-साथ कुत्ता बूढ़ा हो गया और उसकी शक्ति कम होने लगी।
एक दिन, अपने मालिक के साथ शिकार पर गया।
उसने एक सुअर को पकड़ लिया, लेकिन बूढ़ा होने के कारण उसके दाँत कमजोर हो चुके थे इसलिए उसे सुअर को पकड़े रहने में कठिनाई हो रही थी।
उसके मालिक ने यह देखा।
अपने निष्ठावान जानवर को ठीक से शिकार करते न देख, बहुत क्रोधित हुआ।
उसने कुत्ते को ज़ोर-ज़ोर से पीटना शुरू कर दिया।
कुत्ते ने अपना चेहरा ऊपर किया और कमजोर आवाज़ में बोला,
“मालिक! मुझे छोड़ दो।
आप जानते हैं कि न तो मुझमें हिम्मत की कमी है और न ही इच्छा की। यह वास्तव में बहुत दुख की बात है कि मेरा शरीर अब पहले जितना मज़बूत नहीं रहा।
सचाई यही है कि अब मुझमें शक्ति नहीं रही और मेरे दाँत भी कमजोर हो चुके हैं।"