चूहा व्यापारी

चूहा और व्यापारी की कहानी | Chuha Aur Vyapari Ki Kahani

एक व्यक्ति को एक मरा हुआ चूहा मिला।

राजा के सलाहकार ने उससे कहा कि क्या वो इस मरे चूहे से अपना भाग्य बना सकता है।

इस पर वह व्यक्ति चूहे को एक दुकानदार के पास ले गया।

दुकानदार ने उस चूहे को अपनी बिल्ली के लिए खरीद लिया और उसे एक ताँबे का सिक्का दे दिया।

वह व्यक्ति उस सिक्के से कुछ रोटियाँ लाया और मालियों को अच्छे दामों में बेच दी।

उसके पास बहुत धन आ गया तो उसने मिठाई की दुकान खोल ली।

उसने राजा के सलाहकार को सोने के एक हज़ार सिक्के उपहार में दे दिए और उसे नेक सलाह देने के लिए धन्यवाद देने लगा।

उस व्यक्ति की कड़ी मेहनत और बुद्धि देखकर, सलाहकार ने अपनी बेटी की शादी उसके साथ कर दी।

इस तरह वह व्यक्ति राजा के सलाहकार का दामाद बन गया।

सलाहकार की मौत के बाद राजा ने उसे अपना सलाहकार बना लिया।