सारभ की कहानी

Sarabh Ki Kahani

बोधिसत्व ने एक बार जंगली हिरन सारभ के रूप में जन्म लिया।

सारभ की शक्ति शेर के समान थी और बुद्धि मनुष्य के समान।

सारभ दयालु था।

एक दिन, राजा शिकार करने गया और उसने सारभ पर निशाना लगाया।

सारभ हिंसा से बचना चाहता था, इसलिए वह बहुत तेजी से भागा।

राजा ने अपने घोड़े पर बैठकर उसका पीछा किया।

पीछा करते-करते वह घने जंगल में पहुंच गया।

रास्ते में बहुत गहरा गड मिला।

सारभ तो छलाँग मारकर गद्दे को पार कर गया लेकिन राजा और उसका घोड़ा गढे में गिर पड़े।

सारभ ने यह देखा तो उसे राजा पर दया आ गई।

उसने राजा और उसके घोड़े को गड्ढे से बाहर खींच लिया।

सारभ की क्षमाशीलता देखकर राजा को महसूस हो गया कि दयावान सारभ कोई साधारण हिरन नहीं है।

उसके मन में सारभ के प्रति बहुत सम्मान पैदा हो गया।