एक सज्जन व्यक्ति था।
एक दिन उसके पास उसका मित्र आया।
मित्र उससे बात करना चाहता था, लेकिन वह सज्जन बार-बार बाँस की छड़ी से खट-खट करने में लगा था।
“हम बहुत दिनों बाद मिले हैं, लेकिन तुम्हें बातचीत करना अच्छा नहीं लग रहा है,” उसका मित्र बोला।
उस व्यक्ति ने बताया, "नहीं, मेरे मित्र!
वास्तव में मैं एक चूहे की निगरानी कर रहा हूँ।
वह हर दिन मेरा बचाया हुआ खाना खा जाता है।
आओ, उसे ढूँढ़ते हैं।” दोनों लोगों ने मिलकर चूहे का बिल खोज लिया।
बिल दिख जाने पर उन्होंने वहाँ खुदाई की।
खुदाई करने पर उसमें बहुत सारा भोजन रखा मिला।
उन्होंने तुरंत ही वह भोजन वहाँ से उठा लिया।
जब चूहा लौटा, तो उसे अपने बिल में कुछ भी भोजन नहीं मिला।
उसकी सारी शक्ति समाप्त हो गई और उसने हर निकलना बंद कर दिया।
उस सज्जन व्यक्ति को चूहे से छुटकारा मिल गया।