एक वन में एक भेड़िया रहता था।
एक दिन उसे दो भेड़े दिखे, जो आपस में पूरी शक्ति से लड़ रहे थे।
भेड़िया वहीं रुक गया और सोचने लगा, “अगर ये दोनों भेड़े लड़ते हुए मर जाएँ, तो कितना अच्छा रहेगा!
मैं उनका माँस खाऊंगा और उनके रक्त का स्वाद चख सकूँगा।
दोनों भेड़ों ने लड़ते-लड़ते एक-दूसरे को बुरी तरह से घायल कर दिया।
उनके घावों से खून बहने लगा। भेड़िए के मुँह में पानी आ गया।
वह गया और उनके घावों को चाटने लगा।
दोनों भेड़े लड़ने में इतने मग्न थे कि उन्होंने भेड़िए पर ध्यान ही नही दिया।
भेड़िया में अपने को रोक नहीं पा रहा था।
वह लालच आकर उनके घाव चाटे जा रहा था।
उसने दोनों भेड़ों के बीच में अपना सिर घुसा दिया।
अचानक, वह दोनों के सिरों के बीच दब गया और उसके सिर का कचूमर निकल गया।
अधीरता और मूर्खता की वजह से उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।