एक व्यक्ति अरबी रेगिस्तान को पार करके लंबी यात्रा पर निकलने वाला था।
यात्रा पर जाने से पहले, उसने काफी समय तक अपना सामान लगाया।
उसके बाद उसने सारा आवश्यक सामान ऊँट की पीठ पर लादा।
जब उसकी सारी तैयारियाँ हो गई तो उसने ऊँट से पूछा, “तुम चढ़ाई के रास्ते से चलना चाहते हो या ढाल के रास्ते से ?"
ऊँट ने उसकी बात ध्यान से सुनी और अपनी पीठ पर लदे सामान के भार का अनुमान लगाया।
कुछ देर बाद ऊँट ने पूछा, “मालिक, क्या जाने का कोई मैदानी रास्ता भी है ?
अगर हो, तो मैं उसी मैदानी रास्ते से जाना चाहूँगा।
मेरे ऊपर जो भार लदा है, उसके हिसाब से मैदानी रास्ता ही ठीक रहेगा।"