बहुत समय पहले की बात है।
एक गाँव में एक भेड़ा रहता था।
एक दिन, वह जंगल गया।
उसे जंगल में बहुत बड़ा घास का मैदान दिखा।
उसने भरपेट घास खाई लेकिन लौटते समय रास्ता भूल गया।
मजबूर होकर उसे वहीं रुकना पड़ा।
जंगल में सारे जानवर उसे देखकर डर रहे थे।
उसके सींग घुमावदार थे।
शेर भी इस तरह के जानवर को देखकर डर गया।
वह सोचने लगा, “यह तो मुझसे भी शक्तिशाली होगा।
मुझे इससे दूर ही रहना चाहिए।” बाद में, जब शेर ने भेड़े को पत्तियाँ खाते देख लिया, तो वह शेर उसका स्वभाव समझ गया।
"अरे! मैं तो बेकार ही डर रहा था।
यह जानवर तो मुझसे कमज़ोर है,” शेर ने अपने आप से कहा।
शेर भेड़े पर झपट पड़ा और देखते ही देखते उसे मार डाला।