एक कुशल धनुर्धर शिकार के लिए वन गया।
उसे देखकर वन के सारे पशु-पक्षी डर गए।
केवल एक शेर ही सामने आया और धनुर्धर को लड़ने की चुनौती देने लगा।
धनुर्धर ने तुरंत एक तीर मारा और चिल्लाकर बोला, “देख, मेरा संदेशिया तुमसे कुछ कहने आया है।"
शेर तीर से घायल हो गया। वह पूरा ज़ोर लगाकर तेज़ी से भागा।
एक लोमड़ी यह सब देख रही थी।
वह शेर के पास आई और बोली, “भागो मत।
रुककर उसका मुकाबला करो।
” शेर बोला, "नहीं, मेरी दोस्त।
जब उस व्यक्ति का भेजा हुआ संदेशिया इतना खतरनाक हो सकता है, तो वह व्यक्ति स्वयं कितना खतरनाक होगा!
ऐसा पड़ोसी बहुत खतरनाक होता है, जो दूर रहकर भी आक्रमण कर सकता हो।"