एक बार एक भूखा बाज कबूतरों के झुंड पर झपटा।
कबूतरों का झुंड हमेशा उसकी पकड़ से बच निकलता था।
सारे कबूतर उस बाज से भयभीत रहते थे और उसके आक्रमण से बचने के लिए सतर्क रहते
ये बाज काफी दिनों से उन पर नज़रें गड़ाए था।
उसने एक योजना बनाई और कबूतरों के पास जाकर बोला, “इस तरह से डर-डरकर जीने से क्या लाभ ?
इससे अच्छा तो यही है कि तुम लोग मुझे अपना राजा बना दो ताकि मैं हर तरह के संकट से तुम लोगों की रक्षा कर सकूँ।
कबूतरों को यह बात पसंद आई।
उन्हें लगा कि बाज उनकी भलाई चाहता है।
उन्होंने बाज को अपना राजा बना दिया।
राजा बनते ही बाज ने एक-एक करके सारे कबूतरों को खाना शुरू कर दिया।
कुछ उपाय संकटों से भी बुरे होते हैं।