एक बार युवा बोधिसत्व को पूरे जगत को वश में करने का मंत्र मिल गया।
एक दिन, जब वे इस मंत्र का जाप कर रहे थे, तभी सब्बदथ नाम के एक सियार ने भी वह मंत्र सुन लिया।
मंत्र की सहायता से सियार ने जंगल के सारे पशु-पक्षियों को वश में कर लिया और वहाँ का राजा बन गया।
एक दिन वह शहर में घुसा।
उसके साथ दहाड़ मारते शेर थे।
वह शेर पर बैठा था और वह शेर हाथियों पर खड़ा था।
बोधिसत्व ने सबसे अपने-अपने कान बंद कर लेने को कहा ताकि शेर की दहाड़ उन तक न पहुँच पाए।
सारे शेर दहाड़ों से पृथ्वी तक को हिलाने लगे।
डर के मारे हाथियों ने शेर को अपनी पीठ से गिरा दिया।
सब्बदथ सियार भी नीचे गिर गया और हाथियों के पैरों के नीचे दब गया।
जो अपने ज्ञान का अनुचित उद्देश्यों में इस्तेमाल करते हैं, वे स्वयं को ही हानि पहुंचाते हैं।