शेर और तीन बैल

एक बार की बात है।

तीन बैल आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे।

वे साथ मिलकर घास चरने जाते और बिना किसी राग- -द्वेष के हर चीज आपस में बाँटते थे।

एक शेर काफी दिनों से उन तीनों के पीछे पड़ा था, लेकिन वह जानता था कि जब तक ये तीनों एकजुट हैं, तब तक वह उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

शेर ने उन तीनों को एक-दूसरे से अलग करने की चाल चली।

उसने बैलों के बारे में अफवाहें उड़ानी शुरू कर दी।

अफवाहें सुन-सुनकर उन तीनों के बीच गलतफहमी पैदा हो गई।

धीरे-धीरे वे एक-दूसरे से जलने लगे।

आखिरकार एक दिन उनमें झगड़ा हो गया और वे अलग-अलग रहने लगे।

शेर के लिए यह बहुत अच्छा अवसर था।

उसने इसका पूरा लाभ उठाया और एक-एक करके तीनों को उसने मार डाला और खा गया।

एकता में ही शक्ति होती है।