एक बूढ़ा शेर था।
बुढ़ापे के कारण, उसमें शक्ति नहीं बची थी।
वह गुफा के बाहर तक नहीं जा पाता था।
एक सुअर उससे मिलने आया।
शेर को बुरी हालत में पड़े देखकर, उसने अपने दाँतों से उस पर हमला बोल दिया।
इस प्रकार उसने शेर से अपनी पुरानी शत्रुता का बदला ले लिया।
अगले दिन, एक बैल ने शेर को देखा। शेर को कमज़ोर हालत में देख, उसने भी अपने सींगों से शेर पर हमला बोल दिया।
शेर को बहुत चोट आई।
कुछ समय बाद, एक गधा भी आया और उसने शेर के चेहरे पर दुलत्ती मारी।
हिम्मत जुटाकर इस बार शेर के अहं को बहुत ठेस पहुंची।
वह बोला, “मैं जानता हूं कि वे मुझे मारने आते हैं।
मैं उनके हमले सहकर भी जीवित रहा, लेकिन जब तुम्हारे जैसे डरपोक जानवर ने भी मेरे ऊपर हमला किया, तो मुझे लगता है जैसे मुझे दोहरी मौत मिली हो।"