वह एक समुद्री चिड़िया समुद्र तट पर रहती थी।
वह केकड़े और छोटी-छोटी मछलियाँ खाया करती थी, लेकिन उसने कभी कोई बड़ी मछली नहीं खाई थी।
एक दिन, खाने के लिए मछली पकड़ना चाहती थी।
वह एक बड़ी मछली पर झपटी और उसे निगल गई।
इतनी बड़ी मछली निगलने के कारण उसका पेट फूल गया और दर्द करने लगा।
देखते ही देखते पेट-दर्द के कारण उसकी मौत हो गई।
वह मरकर जमीन पर गिर पड़ी।
एक बाज ने उसे मरा हुआ देखा तो बोल पड़ा, “तुम इसी काबिल थीं।
हवा में रहने वाली चिड़िया को समुद्र में खाना नहीं तलाशना चाहिए।
तुमने मेरी सलाह नहीं मानी। अपनी जान गंवाकर ही तुम्हें सबक मिला।
तुम्हें अपनी करनी का फल मिला है।
हर व्यक्ति को अपने काम से मतलब रखना चाहिए।