एक जंगल में एक लोमड़ी रहती थी।
एक दिन, उसने अपने जीवन में पहली बार किसी शेर को देखा।
लंबा अयाल, भयानक शरीर, डरावनी दहाड़ और राजा की तरह चाल-ढाल देखकर लोमड़ी डर गई।
वह वहीं पर बेहोश होकर गिर पड़ी।
अगले दिन, फिर वही शेर उसे दिखाई दिया।
वह अब भी डरी हुई थी, लेकिन उसने साहस जुटाया और अपने डर को छिपाने की कोशिश की।
जल्द से जल्द वह वहाँ से भाग गई।
तीसरे दिन, स्थिति पूरी तरह से बदल गई।
लोमड़ी सीधे शेर के पास पहुँच गई और बोली, “जय हो महाराज, सब ठीक-ठाक है न ?"
वह शेर बिलकुल परिचितों की तरह बात करने लगी।
अब उसे शेर से बिलकुल डर नहीं लग रहा था।
पिछले दो दिनों से लगातार शेर को देख-देखकर, वह उससे परिचित हो गई थी।
इसीलिए कहा गया है कि परिचय होने पर साहस मिलता है।