भालू और लोमड़ी

भालू और लोमड़ी की कहानी

एक बार, जंगल के सारे जानवर इकट्ठे होकर मनुष्यों के बारे में बात कर रहे थे।

एक भालू मनुष्यों के प्रति अपने अत्यधिक प्यार और सम्मान की बातें बढ़-चढ़कर बखान कर रहा था।

वह बोला, “मैं मनुष्यों से प्यार करता हूँ।

कई मनुष्य मेरे दोस्त हैं और वे भी मुझे प्यार करते हैं।

अब हमारे बीच का प्यार इतना गहरा हो गया है कि लोग मुझसे डरते नहीं हैं।

सारे जानवर दिलचस्पी से उसकी बातें सुन रहे थे।

भालू बोले जा रहा था कि उसने कभी किसी मनुष्य की लाश को नोंचना तो दूर, छुआ तक नहीं।

लोमड़ी भी इस बड़बोले जानवर की बातें सुन रही थी।

वह मुस्कराई और बोली, “अगर तुम यह कहते कि तुमने कभी किसी मनुष्य को जिंदा नहीं खाया है, तब बात में ज़्यादा जन दम रहता।"

किसी के प्रति आदर जताने के लिए हमें उसके मरने तक प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए।