एक बार की बात है।
एक अंधे आदमी के पास किसी भी जानवर को छूकर से पहचान लेने की अद्भुत क्षमता थी।
एक दिन, उसके साथियों ने उसकी परीक्षा लेने का निश्चय किया।
पहले वे एक बिल्ली के बच्चे को उसके पास लाए और उसे पहचानने को कहा।
अंधे ने बिल्ली के बच्चे को छुआ और बोला, “यह तो बिल्ली का बच्चा है।"
इसके बाद उसके मित्र एक पिल्ले को लाए और अंधे से उसे पहचानने को कहने लगे।
अंधे ने बहुत प्रयास किया और दिमाग पर जोर डाला लेकिन वह उस जानवर को नहीं पहचान पाया।
वह बोला, “मुझे नहीं पता कि तुम भेड़िया हो या कुत्ता हो, लेकिन मैं यह कह सकता हूँ कि तुम भेड़ों के बीच रखने लायक कतई नहीं हो।"
बुरे स्वभाव की झलक तो बचपन से ही दिखने लगती है।