केकड़ा और उसकी माँ

एक दिन केकड़े की माँ उसे लेकर समुद्र तट पर घूमने गई।

जब वे चल रहे थे, तो माँ ने कहा, “अरे, बेटा, तुम चलते समय अपने पैर अंदर की ओर क्यों मोड़ लेते हो ?”

केकड़े का बच्चा बोला, “माँ, तुम चलकर दिखाओ न।”

केकड़े की माँ यह जानकर बड़ी प्रसन्न हुई कि उसका बेटा सीखना चाहता है।

“मैं दिखाती हूँ, मेरे बेटे। अब पीछे रहो और ध्यान से देखो,” केकड़े की माँ बोली।

इतना कहकर केकड़े की माँ ने अपनी एक टाँग खींची, उसका निचला हिस्सा बाहर की ओर मोड़ा और आगे बढ़ने का प्रयास किया।

जब उसने ऐसा किया तो उसका पैर उलझ गया और वह नाक के बल गिर पड़ी!

जो काम आप स्वयं करके न दिखा पाओ, उसे दूसरों से करने को नहीं कहना चाहिए।