वसंत ऋतु में मादा मक्खियाँ अपने छता बनाने में व्यस्त हो जाती है, जबकि नर मक्खियाँ आराम करती रहती हैं। जब छत्ता बन जाता है, तो नर मक्खियाँ उनमें रहने आ जाती हैं।
एक बार उनमें इस बात को लेकर झगड़ा हो गया। आख़िरकार, उन्होंने एक बुद्धिमान बर्र से झगड़ा सुलझवाने का निश्चय किया।
बर्र बोला, नर और मादा मक्खियों को अलग-अलग एक-एक छत्ता बनाना होगा। जिसका छत्ता अधिक अच्छा होगा, वही छत्ते का असली मालिक होगा।
नर मक्खियों को यह फैसला पसंद नहीं आया क्योंकि उन्हें छत्ता बनाना आता ही नहीं था।
दूसरी ओर मादा मक्खियां इस फैसले से बहुत प्रसन्न हुई क्योंकि उनके लिए एक और छत्ता बनाना काफी आसान था।
बर्र ने अपना फैसला सुना दिया, यह स्पष्ट हो चुका है कि मादा मक्खियाँ ही छत्ता बना सकती हैं।
इसका मतलब है कि छत्ता उन्हीं का है।